At starting question answers of Baat Athani Ki (बात अठन्नी की ) written. After that reference to the context was written in a simple and effective language.
1: इंजीनियर बाबू कौन थे ? घर में कौन काम करता था?
उत्तर: इंजीनियर बाबू का नाम जगत सिंह था । वे एक निर्मम मनुष्य थे । उनके यहां नौकर चाकर काम करते थे जिनमें से रसीला भी था इंजीनियर बाबू जगत सिंह रिश्वत लेने में कभी नहीं खींच के चाहते थे| उन्हें 500 जैसी रकम भी रिश्वत में कम लगा था । जब वह रसीला की चोरी पकड़ लिए तो उसके साथ बहुत बुरा बर्ताव किया उसे कैद खाने में डलवा दिया उन्हें जरा भी रहम नहीं आया कि रसीला उनका एक पुराना नौकर था ।
बाबू जगत सिंह के घर में रसीला काम करता था । रसीला उनके यहां सालों से नौकर का काम कर रहा था । उसके बच्चे बीमार थे और रसीला के पास रुपया नहीं था । वाह बाबू जगत सिंह से अपनी वेतन बढ़ाने की मांग की थी लेकिन उसकी मांग को बार-बार ठुकरा दिया गया ।
2: रसीला कौन था ?उसे पैसों की जरूरत क्यों पड़ी?
उत्तर: रसीला बाबू जगत सिंह के यहां नौकर था । वह रमजान का अच्छा दोस्त भी था । सिर्फ ₹10 वेतन था और गांव में उसके बूढ़े पिता पत्नी एक लड़की और दो लड़के थे।| उसके परिवार वालों का बोझ उसी पर था वह सारी तनख्वाह घर भेज देता था फिर भी घर वालों का गुजारा नहीं हो पाता था |
रसीला के बच्चे बीमार थे और पास में रुपया नहीं था । गांव से उसके पास खत आया था इस वजह से रसीला दुखी भी था उसने इंजीनियर जगत सिंह से पेश की मांगी लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया । रसीला को गरीबी का बोझ उठाना पड़ रहा था एक तो उसके बच्चे भी बीमार थे और इलाज करवाने के लिए उसके पास पैसे भी नहीं थे उसकी बुरी दशा को देखकर रमजान उसकी मदद करता है ।
3: रमजान कौन था ?उसने रसीला की क्यों मदद की?
उत्तर: रमजान जिला मजिस्ट्रेट शेख सलीमुद्दीन के यहां चौकीदार था । रमजान और रसीला में बहुत मित्रता थी |वह रसीला से घंटे बात करता था । क्योंकि शेख सलीमुद्दीन साहब को फल का शौक था तो रमजान रसीला को फल देता था । वह रसीला की बुरी वक्त में मदद करता है और उसे कुछ पैसे देकर उसकी परेशानी को दूर करने की कोशिश करता है । रसीला के बच्चे बीमार थे और पास पैसे नहीं थे । रमजान गरीब होने के बाद भी रसीला की मदद करता है इसे यह साबित होता है कि रमजान का दिल बहुत साफ और बड़ा था । वह एक दयालु मनुष्य था जो रसीला की सही वक्त पर मदद करता है ।
रमजान रसीला की मदद इसलिए की क्योंकि रसीला के बच्चे बीमार थे और उस समय पैसों की कमी होने के कारण रमजान रसीला को कुछ पैसे देकर उसकी मदद की ।
4: रसीला को जेल क्यों हुई? आप लोगों के अनुसार धनी लोगों के साथ किस प्रकार का न्याय किया जाना चाहिए?
उत्तर: रसीला को जेल इसलिए हुई क्योंकि उसने इंजीनियरबाबू जगत सिंह की अठन्नी रमजान को दिया अपना कर्जा उतारने के लिए । बाबू जगत सिंह रसीला को मिठाई लेने भेजते हैं ₹5 की और रस्सी राशि ₹4 की मिठाई खरीदा है और अठन्नी वह रमजान को लौटा देता है । पहले तो रसीला झूठ बोलता है कि उसने 5 की मिठाई लाई है । झूठ पकड़े जाने पर वह सच उगल देता है । इंजीनियर बाबू आग बबूला हो जाते हैं और उसे कैद खाने में डलवा देते हैं ।
रमजान की कही बात की” यह इंसाफ नहीं अंधेर है” बिल्कुल सटीक बात है । जब रसीला अपनी एक अठन्नी के अपराध के वजह से पकड़ा जाता है तो वहीं पर इंजीनियर जगत सिंह और जिला मैजिस्ट्रेट शेख सलीमुद्दीन बड़ी-बड़ी रिश्वत के लिए कोई सजा नहीं पाते। जब नशीला जैसा एक गरीब आदमी जेल की चारदीवारी में सजा काट रहा होता है तो बाबू और जिला मैजिस्ट्रेट जैसे रिश्वत लेने वाले आराम की नींद सो रहे होते हैं|
मेरे ख्याल में हर एक अपराधी को सजा मिलनी चाहिए । अपराधी अमीर गरीब नहीं होता| रिश्वत लेना अपराध है और ऐसे लोगों को कड़ी सजा होनी चाहिए जो बिना किसी मेहनत के इतना पैसा कमा लेते हैं जो कि उनका भी नहीं होता । रसीला जैसे लोग गरीब रह जाते हैं और उनके मालिक उनकी वेतन को भी नहीं बढ़ाते ।
लेखक सुदर्शन जी इस कहानी के द्वारा हमें हमारी समाज की असलियत को प्रकट कर रहे हैं । वह हमें अमीर और गरीब की बीच की फासला को दिखा रहे हैं । हमारी समाज में कई अपराधी हैं जिन्हें सजा नहीं होती जैसे हमने कहानी में देखा इंजीनियर जगत सिंह और जिला मैजिस्ट्रेट शेख सलीमुद्दीन ।
Reference to the Context:
1 : “दिन की बात है| बाबू जगत सिंह किसी से कमरे में बात कर रहे थे… समझा कि कर्ज उतर गया|”
क: रसीला को बाबू जगत सिंह की असलियत का क्या पता चला?
उत्तर: रसीला को बाबू जगत सिंह के बारे में यह पता चला कि वह रिश्वत लेते थे । जब रसीला ने कमरे में से आवाज सुनी जिसमें यह कहा जा रहा था कि ” हुजूर मान जाइए आप समझे आपने मेरा काम मुफ्त में किया है”, वह समझ गया के अंदर रिश्वत की लेनदेन हो रही है ।
ख: रिश्वत लेन देन की बात सुनकर रसीला क्या सोचने लगा?
उत्तर: रिश्वत की लेनदेन की बात सुनकर रसीला यह सोचने लगा कि यह रुपया कमाने का कितना आसान तरीका है । वे सारा दिन मेहनत मजदूरी करता है तो जाकर उसे ₹10 मिलता है ।
ग: रमजान ने अपने मालिक शेख साहब के बारे में रसीला को क्या बताया ? इस बात से शेख साहब के चरित्र की कौन सी विशेषता स्पष्ट होती है?
उत्तर: रमजान अपने मालिक शेख सलीमुद्दीन के बारे में यह बताया कि शेख साहब रिश्वत लेने में इंजीनियर बाबू जगत सिंह के भी गुरु है| वे छोटी मोटी रकम नहीं लेते थे बल्कि हजार रुपए तक की भी रिश्वत की रकम लेने में उन्हें कोई परेशानी नहीं होती थी ।
शेख साहब मैजिस्ट्रेट थे और वह कानून के लिए काम करते थे । एक मजिस्ट्रेट होते हुए भी रिश्वत लेने से नहीं हिचकीचाते थे । मेरा शीला को एक अठन्नी की छोरी पर 6 महीने की सजा सुनाते है और उसी रुमाल से मुंह पोस्ते जिसमें उन्हें रिश्वत की रकम दी गई थी| कानून के रक्षक होने के बाद भी वे खुद अपराधी । इसे हमें यह पता चलता है कि समाज में इन बुरे लोगों के कारण मासूम और बेसहारा लोग जेल में सजा काटते हैं ।
घ: रसीला ने रमजान को 8 आना कैसे लौट आया? उसे अट्ठानी कहां से मिली?
उत्तर: रसीला को बाबू जगत सिंह मिठाई लाने के लिए ₹5 देते हैं और रसीला साडे ₹4.5 की मिठाई लाता है और अठन्नी रमजान को लौटा देता है| इससे वह यह समझता है कि उसका कर्जा उतर गया|
2: ” बापू जगत सिंह ने मिठाई देखी तो चौक उठे… लातों के भूत बातों से नहीं मानते|”
क: हसीना का रंग क्यों उतर गया ? रसीला बाबू जगत सिंह को क्या विश्वास दिलाना चाहता था?
उत्तर: रसीला का रंग इसलिए उड़ गया था क्योंकि बाबू जगत सिंह उसकी झूठ को लगभग परख लेते हैं । मैं मिठाई को देखकर उठते हैं कि ₹5 की मिठाई नहीं आया था और वह झूठ बोल रहा था ।
रसीला बाबू जगत सिंह को यह विश्वास दिलवाना चाहता था कि वह ₹5 की मिठाई लाया है ।
ख: इंजीनियर बाबू रसीला पर क्यों चिल्लाए?
उत्तर: इंजीनियर बाबू रसीला से दोबारा पूछते हैं कि मिठाई ₹5 की है कि नहीं और रसीला अपनी झूठी बात को दोबारा दोहराता है । रसीला के झूठ बोलने पर बाबू जगत सिंह को गुस्सा आ जाता है और इसलिए वह उस पर चिल्लाते हैं ।
ग: रसीला की गलती स्वीकार करने के बाद बाबू जगत सिंह ने क्या किया?
उत्तर: रसीला की गलती स्वीकार करने के बाद बाबू जगत सिंह ने उसे खूब पीटा और घसीटे पुलिस के पास ले जाते ले गए और रिश्वत देकर उसे सजा दिलवा ते हैं ।
घ: लातों के भूत बातों से नहीं मानते बाबू जगत सिंह ने ऐसा क्यों कहा? आशय स्पष्ट करें ।
उत्तर: बाबू जगत सिंह को लगा कि रसीला आसानी से अपनी गलती को स्वीकार नहीं करेगा इसलिए वह कुछ पैसा देते हुए पुलिस को समझाते हैं कि उसकी गलती वे लोग मंगवा दे|
3: ” फैसला सुनकर रमजान की आंखों में खून उतर आया… मैं पछता रहा है|”
क: क्या-क्या सुनकर रमजान की क्या प्रतिक्रिया थी?
उत्तर: फैसला सुनकर रमजान की आंखों में खून उतर आया क्योंकि मात्र अठन्नी के लिए रसीला को जेल में इतनी बड़ी सजा काटनी पड़ रही थी ।
ख: रमजान ने दुनिया को अंधेर नगरी क्यों कहा?
उत्तर: रमजान ने दुनिया को अंधेर नगरी इसलिए कहा क्योंकि इस दुनिया किस समाज में न्याय सच्चाई पर नहीं होता है । बड़ी-बड़ी चोर और अपराधी कोठियों में बैठकर दोनों हाथों से धन बटोर ते हैं और उन्हें सजा नहीं मिलती है ।
ग:” अच्छा हुआ| वह इसी लायक था|” यह किसने कहा किससे कहा और क्यों कहा?
उत्तर: प्रश्न में दिए गए शब्द एक दासी ने रमजान से कहा क्योंकि उसे यह बात सही लगी की रसीला को चोरी करने पर सजा सुनाई गई है ।
घ: रमजान के अनुसार “सिर्फ अठन्नी की ही तो बात थी” रमता ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर: रमजान के अनुसार जब रसीला को कठोर सजा दी जाती है सिर्फ एक अट्ठानी के लिए तो उसे इस बात पर गुस्सा आता है कि जब 500 और 1000 की चोर नरम गद्दोपुर अच्छी नींद सो रहे हुए होते हैं रसीला जैसा एक गरीब लाचार आदमी जेल में सजा काट रहा होता है ।
4: ” दूसरे दिन मुकदमा… 1 दिन पहले किसी से हजार रुपए बांध कर दिए थे|”
क: हसीना ने कचहरी में कचहरी में क्या कहा? इस बात से रसीला की कौन सी विशेषता स्पष्ट होती है?
उत्तर : रसीला ने कचहरी में अपना अपराध तुरंत स्वीकार कर लेता है । झूठ नहीं बोलता और कोई बहाना नहीं बनाता क्योंकि वह दूसरा अपराध करने का साहस नहीं जुटा पाता।
इस बात से हमें यह पता चलता है कि रसीला एक सरल स्वभाव का आदमी व्यक्ति था अपनी गलती को स्वीकार कर लेना ही उसकी बहुत बड़ी महानता थी ।
ख: रसीला सजा से बचने के लिए कचहरी में और क्या कह सकता था?
उत्तर: रसीना सजा से बचने के लिए यह कह सकता था कि वह नौकरी नहीं करना चाहता था इसलिए इंजीनियर साहब उसे हलवाई के साथ मिलकर फसा रहे थे ।
ग: “उसकी आंखें खुल गई” कथन किस के बारे में कहा गया है और क्यों? स्पष्ट करें ।
उत्तर: यह कथन रसीला के बारे में कहा गया है क्योंकि उसे अपनी गलती का एहसास हो चुका था और वह दोबारा इस गलती को विश्व में दोहराना नहीं चाहता था ।
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